Eleven Best Hindi Poems on Yoga

Eleven Best Hindi Poems on Yoga

Here are eleven Hindi Poems in Hindi. Do not miss the last one on this list which is completely hilarious.

11 Best Hindi Poems on Yoga

Eleven Best Hindi Poems on Yoga

योग

तुम्हारा यह पाषाण मुखड़ा
लोग सोचते हैं तुम हो एक तरूणी
जो है प्रेम से रिक्त
पर मेरे लिए तो हो तुम
मेरे प्रियतम के गीत
मेरे लिए तो हो तुम
मंद-मंद बहती बसंती-बयार,
मेरे लिए तो हो तुम
आम का एक पेड़- जो लद गया हो आमों से
जिसके हर पत्ते के पीछे छिपा हो एक मीठा फल

तुम्हारे जनक ने किया था तुम्हारा वर्णन
कितने नीरस व अल्प शब्दों में….
कितनी मादक, मनोहारी, आकर्षक बाला हो तुम
लोग जान नहीं पाए कभी
मामूली व रूखे वस्त्रों में लिपटी
तुम तो हो एक असाधारण संभावना
किसने सजाया होगा स्वप्न तुम्हारा – तुम्हें पाने का

ह्रदय में दृढ़ संकल्प ले
मैं तुम्हारी खोज में,
करता रहा पीछा तुम्हारा
तीन जन्मों से
कि कर सकूं तुमसे प्रेम-निवेदन
अनकही व्यथा और ह्रदय में माधुर्य संभाले,
अनजानी राहों पर भागता रहा मैं पीछे तुम्हारे
इस यात्रा ने ही बना दिया मुझे संपूर्ण इतना
अहा! मेरे अंदर ही हैं दोनों अब
सृष्टि और स्रष्टा
दुनिया अब दिखती नहीं मुझे तेरे बिना।

-by Sadhguru

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करें योग रहें निरोग

करें योग रहें निरोग,
योग करें रोज रोज।

योग है सदियों पुरानी,
यही है भारत की कहानी।

योग से तन और,
मन की स्फूर्ति होती हैं।

योग करने से हमारी सारीरिक ,
और मानसिक समस्या होती है दूर,
इसे करने से बीमारी भागे अति दूर।

योग करने से आयु में ,
होती है विर्धि।
और होती हमारी सुख समृद्धि।

योग करने से आती है ,
सकारात्मक ऊर्जा।
और दूर होती नकारात्मक ऊर्जा।

योग से आत्मा और,
मन की होती है सुद्धि,
और होती कुसाग्र बुद्धि।

योग से आत्मा और,
मन का मिलन होता हैं।
अनुलोम विलोम और कपाल भारती,
करलो सभी प्रकार।
इससे दूर हो जायेगा ,
मानव तेरा विकार।

योग मनुष्य को धयान से,
जोड़ता है,
इससे शरीर को,
आराम मिलता है।

योग में होते है कई आसन
जो हमारे जीवन को,
बना देते आसान।
योग में होते जो  प्राणायाम,
वो हमारे जीवन को देता एक आयाम।

योग हमें प्रकृति से जोड़ता हैं,
और सारे विकारों को तोड़ता है।
इसलिए कहते है लोग,
करें योग रहें निरोग|

by-Mamta Rani

ये है योगा

ये है योगा
इसको जो भी करेगा
वो स्वस्थ होगा
ये है योगा
जो भी रोज़ करेगा
लाभ उसे होगा
ये है योगा
आसन जो करेगा
उसका विकास होगा
ये है योगा
जो ज़ोर से हसेगा
उसका खून बढ़ेगा
ये है योगा
ये है योगा

– by Anushka Suri

ध्यान और योग 

प्रकृति की गोद में, करें ध्यान और योग.
प्राणायाम से नष्ट हों जीवन के सब रोग.

जीवन के सब रोग मिटें, आनंद मिलेगा,
सकारात्मक उर्जा होगी तो हृदय खिलेगा.

कवि हो जाता धन्य देख यह दृष्य सुहाना,
ऐसे सुख से बढ़ कर सुख न हमने जाना

-by Rajnish Manga

योग अपनाएं शांति पाएं

करते हैं आप अगर योग तो उम्रभर रहोगे निरोगप्रकृति ने हमें ये देह दिया, करना है इसका सदुपयोग 

ये तो भारत की कहानी है जो सदियों ही पुरानी हैइस इंजन को चलाना है तो यही पद्धति अपनानी है 

योग करे मन को शांत, तन को करे निरोग और दिमाग को दे शान्तिजो अगर योग को दी एक कोशिश तो दूर हो जाएगी सब भ्रान्ति 

दवा दारु सारे ही उपचार किये प्रतिरोधी क्षमता को एक तरफ़ा कर दिएशांत मन और सुन्दर काया यही तो है सब योग की माया  

योग एक साधना एक प्राणायाम है जो हमारे जीवन को देता नया आयाम हैयोग की माया करे मन की शुद्धि और दे कुशाग्र बुद्धि 

योग मनुष्य को ध्यान से जोड़ता है मन की भ्रान्ति को तोड़ता हैकरो जो अगर योग सुबह तो देता है दिन भर की स्फूर्ति  

और जो अगर संध्या कर लिए कुछ आसन, तो मिलती है अनिद्रा से मुक्तिध्यान रखें बस तो एक बात, निरोगी काया ही योग की माया है 

यह हमें प्रकृति से जोड़ता है हमारे सारे विकारों को तोड़ता हैइसलिए कहते हैं लोग जो अगर करोगे योग तो रहोगे निरोग 

-by Prachi Thapan

योग दिवस

योग दिवस पर योग करो
प्रभु से खुद को जोड़ लो
तन से योगी कंचन काया
मन से योगी मन गहराया
योग करो जी योग करो
रोग को घर से दूर करो
सुबह करो और शाम करो
नित दिन नित दिन योग करो।

–by Anjana Anjan

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: 21 जून

हे मानव! अपने जीवन में,
यदि नित्यदिन करोगे योगा।
तो बिना रुपइया खर्च किए,
शत प्रतिशत लाभ तुम्हें होगा।

हर कोई इसे कर सकता है,
छोटा, बड़ा, अमीर, गरीब।
न औषधि की आवश्यकता है,
न ही बीमारी आये करीब।

भांति-भांति के आसन हैं,
और भिन्न-भिन्न हैं नाम।
शरीर के हर एक हिस्से को,
मिलता इससे बहुत आराम।

आभार प्रकट करता हूँ मैं,
“मोदी जी” की सरकार का।
जिन्होंने बीड़ा उठा लिया है,
सब रोगों के उपचार का।

21 जून को प्रण कर ले हम,
प्राणायाम सभी अपनाएंगे।
बाबा रामदेव के आसन से,
जन जीवन समृद्ध बनाएंगे।

-By Ankit Jaiswal

योग दिवस

आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें,
गांव-गांव और शहर-शहर में, इसकी अलख जगायें

योग का मतलब है जोड़ना,
मोह को मन से तोड़ना,
मानव को प्रकृति से जोड़ना,
चित्त की वृत्तियों को सिकोड़ना।
बस इतनी सी बात, लोगों को समझायें
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।

इसमें न कोई खर्चा, न कोई और दिखावा है,
स्वस्थ रहें हम कैसे, बस इसका ही बढ़ावा है।
लेकर चटाई हम सब, धरती पर बैठ जायें,
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।

चाहे खड़े हों, चाहे बैठे हों, या चाहे हों लेटे,
योग एक स॔तुलन है, विविध विधा लपेटे।
गहरी लम्बी सांस खींचकर, इसे शुरू करायें,
आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनायें।

पद्मासन हो वज्रासन हो, या हो चकरा आसन,
ध्यानमग्न हो बैठ जायें, बिना करे प्राशन।
सबसे पहले उठकर, इसको ही अपनायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।

योग बहुत है फायदेमंद, जैसे शाक मूल और कंद,
मिट जाये सारे मन के द्वंद्व, बिना क्लेश और बिना क्रंद।
दैनिक जीवनचर्या का, हिस्सा इसे बनायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।

आयुर्वेद और योग का, झंडा हम फहरायें,
भारतदेश और विश्व को, रोगमुक्त बनायें।
इसी प्रतिज्ञा को लेकर, हम आगे बढ़ते जायें,
आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनायें।

-by Dr Manajit Kaur

योग

भाई अपने तन से मन से, दूर कुरोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।

स्वास्थ्य हमारा अच्छा है तो, सारा कुछ है अच्छा।
रोग ग्रसित अब नहीं एक भी, हो भारत का बच्चा।।

सूर्योदय से पहले उठकर, निपटे नित्य क्रिया।
सदा निरोगी काया जिसकी, जीवन वही जिया।।

उदाहरण कोई बन जाए, वह उद्योग करें।।
आओ योग करें। आओ योग करें।।

सांसों का भरना-निकालना, प्राणायाम हुआ।
अपने दिल-दिमाग का भाई, यह व्यायाम हुआ।।

किया भ्रामरी और भस्त्रिका, शुचि अनुलोम-विलोम।
सुन्दर है कपाल की भाती, पुलक उठे हर रोम।।

सांस-सांस द्वारा ईश्वर से, हम संयोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।

सभी शक्तियों का यह तन है, सुन्दर एक खजाना।
यौगिक क्रिया-कलापों द्वारा, सक्रिय इन्हें बनाना।।

फल-मेवा-पकवान दूध-घी, सब कुछ मिला प्रकृति से।
हमने निज खाना-पीना ही, किया विकृत दुर्मति से।।

ज्ञान और अपने विवेक से, हम सब भोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।

पानी और हवा दूषित हो, कुछ न करें ऐसा हम।
चले संभलकर थोड़ा तो यह, दुनिया बड़ी मनोरम।।

सुख से जिएं और सुख से ही, हम जीने दें सबको।
वेद-पुराण-शास्त्र सारे ही, यह बतलाते हमको।।

ईश प्रदत्त शक्ति-साधन का, हम उपयोग करें।
आओ योग करें। आओ योग करें।।

-by Rudra Prakash Gupt Saras

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कविता

बिन खर्चे एक रुपिया ।कह दो तुम शुक्रिया ॥

योग से मिटे सब रोग,

तो तू क्यों न कर रिया॥

न होगा कोई रोग।

सकोगे सब सुख भोग॥

खुश रहेंगे सब लोग।

जो होगा रोज योग॥

रहेगी जो सदा ताजगी।

न होगी दवाई दिवानगी॥

डाॅक्टर से भी रहोगे दूर।

उम्र भी बढ़ेगी भरपूर॥

बढ़ेगी शारीरिक क्षमता।

दिखेगी मानसिक दक्षता॥

थकान न कभी सतायेगी।

तंदरुस्ती सदा पास आयेगी॥

-by Amit Chandravanshi

योग पर कविता (Funny)

कर – कर के योग थक के बदन हो गया चूर।
भारी – भरकम कन्या देखो योग करने को मजबूर।।

मजबूर होके बहाकर पसीना पायी सूंदर कन्या।
फ़ास्ट फ़ूड का भोग छोड़कर योग को अपनाया।।

योग अपनाने से अब रिश्ते आते हजार।
फेसबुक पर नाजुक तन का हो रहा प्रचार।।

हो रहा प्रचार, मिल रही लाइक्स की भरमार।
कमेंट कर छोरे कह रहे तनिक और करो सुधार।।

तनिक और करो सुधार, कपड़े करो कम।
ताकि योग का चमत्कार पूरा देख पाये हम।

पूरा देख पाये हम, जान लें कुछ आसन।
विश्वास करो हमारा, नहीं हम दुःशासन।

नहीं हम दुःशासन, नहीं हम दुर्योधन।
मन में बसा योग प्रेम, सो देखना चाहें तुम्हारा तन।

देखना चाहते तुम्हारा तन कोमलांगी सुन्दर नारी।
कहाँ जाकर गायब पुरानी तुम्हारी काया भरकम भारी।।

काया भारी भरकम हुई योग से गायब कैसे।
हम तो आज तक ना कर पाये डॉक्टर को खिलाके पैसे।।

खिला कर पैसे उल्टा शरीर गया फूल।
सच में योग नहीं करना मानव की सबसे बड़ी भूल।।

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